आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "meri ikyawan bal kahaniyan ebooks"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "meri ikyawan bal kahaniyan ebooks"
प्रेम कहानियाँ
प्रेम कहानियाँ पसंद हैं मुझेइनके पात्र कई दिनों, हफ़्तों और महीनो मेरे साथ बने रहते हैं
रंजना मिश्र
लहि कै बल बलबीर को
लहि कै बल बलबीर को, निबल बली संसार।ज्यों चकोर बल चन्द के, चाभत निचै अँगार॥
दीनदयाल गिरि
पृष्ठ के संबंधित परिणाम "meri ikyawan bal kahaniyan ebooks"
अन्य परिणाम "meri ikyawan bal kahaniyan ebooks"
जौं रोऊँ तौ बल घटै
जौं रोऊँ तौ बल घटै, हँसौं तौ राम रिसाइ।मनहीं माँहि बिसूरणां, ज्यूँ धुँण काठहिं खाइ॥
कबीर
कपिनाथ महा बल बाजि नशाय
कपिनाथ महा बल बाजि नशाय, कर्यो कपिराज सुकंड सुभाती।दल बानर भालन को सँग लेय गये, निरखी अति लंक कपाती॥
चंद्रकला
श्रम सों बाढ़त देह बल
श्रम सों बाढ़त देह बल, सुख संपति धन कोष।बिनु सम्र बाढ़त रोग तन, रतन दरिद दुःख दोष॥
रत्नावली
नाम-बल साँचो, जाकी ओट प्रहलाद बाँचो
नाम-बल साँचो, जाकी ओट प्रहलाद बाँचो,नाम-बल साँचो बालमीक सखि साँचो है।
छत्रसाल
बल बाढ़यो रितुपति-पवन
बल बाढ़्यो रितुपति-पवन, पुहुप कीन बलवीर।मदन-उरग-उर-बिच डसत, लाँघि उरग तिय-धीर॥
मोहन
व्रिड सुधि बुधि बल लखतही
व्रिड सुधि बुधि बल लखतही, माशुक आशुक जाय।अलि कठोर ज्यों बस कट, मृदु सरोज मुरझाय॥
दयाराम
निज बल कौं परिमान तुम
निज बल कौं परिमान तुम, तारै पतित बिसाल।कहा भयौ जु न हौं तरतु, तुम खिस्याहु गोपाल॥
मतिराम
बल होया बंधन छुटे
बल होया बंधन छुटे, सब किछु होत उपाय।सब कुछ तुमरे हाथ में, तुम ही होत सहाय॥
गुरु तेगबहादुर
सकल तू बल-छल छाँड़ि
सकल तू बल-छल छाँड़ि, मुग्ध सेवै मुरलीधर।मिटहिं सहा भव-द्वंद फंद, कटि रटि राधावर॥
चतुर्भुजदास
बल छुट क्यौं बंधन परे
बल छुट क्यौं बंधन परे, कछू न होत उपाय।कह नानक अब ओट हरि, गज जिउ होहु सहाय॥
गुरु तेगबहादुर
जुद्ध-मद्ध बल सों सबल
जुद्ध-मद्ध बल सों सबल, कला दिखाई देति।निरबल मकरिहु जाल बुनि, सरप-दरप हरि लेति॥